| 21. | सहस्र नृप करें सामर्थ्य समर्पण ऐसी सुदर्शन-आभा है
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| 22. | कोऊ नृप होय , हमें का हानि ।
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| 23. | कोऊ नृप सत्तम न लाए याहि रथ जोरि ,
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| 24. | राज्य कार्य संचालित करती राज्ञी नृप आने पर्यंत।
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| 25. | नृप पर डाल प्रभाव वह , पावेगी सम्मान ॥
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| 26. | ' कोऊ नृप होंय हमे का हानि ,
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| 27. | कहा भयो नृप हू भए , ढोवत जग बेगार।
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| 28. | लड़ने लगा तब नृप बृहद्बल उचित नाम महारथी।
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| 29. | ग्रीष्म की अति अनीति देख , नृप पावस प्रचंड
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| 30. | ग्रीष्म की अति अनीति देख , नृप पावस प्रचंड
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