पहला शब्द वह गाँठ है , कथ्य के भीतर उठी हुई 'ग्रोथ' जिसका पता तब चलता है, जब यह पता चलाना असंभव हो जाता है, वह कितना फैलेगा, कहां होगा इसका विस्फोटन, किन मिथुन-पक्षियों की चीख, किस विगत के पश्चाताप, किस आर्तनाद की गाथा में ?समुद्र का ज्वार उठता है और लहरें पछाड़ खाकर गिरती हैं...गिरती हैं, उठती हैं, वापस लौट आती हैं.
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पहला शब्द वह गाँठ है , कथ्य के भीतर उठी हुई 'ग्रोथ' जिसका पता तब चलता है, जब यह पता चलाना असंभव हो जाता है, वह कितना फैलेगा, कहां होगा इसका विस्फोटन, किन मिथुन-पक्षियों की चीख, किस विगत के पश्चाताप, किस आर्तनाद की गाथा में ? समुद्र का ज्वार उठता है और लहरें पछाड़ खाकर गिरती हैं...गिरती हैं, उठती हैं, वापस लौट आती हैं.