| 21. | ( १५) खुसरो पाती प्रेम की बिरला बाँचे कोय।
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| 22. | और कभी तो आ ही नहीं पाती है।
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| 23. | सूर्योदय शायद ही कभी देख पाती हूँ .
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| 24. | क्या नारी बंधन में ही सुख पाती है . ..बंधन
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| 25. | अप्सराएँ या परियाँ बनकर सामने आने पाती हैं।
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| 26. | ऑंख से ऑंख नहीं मिला पाती है ।
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| 27. | मानसूनी हवायें यहां तक नहीं पहंुच पाती हैं।
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| 28. | बिना भाषा की जाति नहीं शोभा पाती है।
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| 29. | जागृत आत्मा ही यह पुरुषार्थ कर पाती है।
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| 30. | पर सतह से आगे नहीं बढ़ पाती .
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