एक समय देवरात नामक पूर्वपुरुष ने बड़ी निष्ठा और श्रद्धा के साथ यज्ञ किया था जिसमें उसने देवताओं को भी आमन्त्रित किया था।
22.
' गणानुत्सवसंकेतान् व्यजयत् पुरुषर्षभ : संधुकूलाश्रिता ये च ग्रामणीया महाबला : ' * ग्रामणीय या ग्रामणीय लोग वर्तमान यूसुफजाइयों आदि कबीलों के पूर्वपुरुष थे।
23.
अपने पूर्वपुरुष के पापों का परायश्चित करने के लिए वह अपनी देह को भोगविलास ही से दूर नहीं रखते थे , वरन उसकी इतनी रक्षा
24.
नित्य विषय और वाक्य अथवा वचन को यथानुपूर्वी ब्रह्मर्षिगण समाधि में दर्शन करते हैं , अतएव वेद में पूर्वपुरुष कर्तृत्वकल्पना का लेश भी समावेश नहीं है।
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नित्य विषय और वाक्य अथवा वचन को यथानुपूर्वी ब्रह्मर्षिगण समाधि में दर्शन करते हैं , अतएव वेद में पूर्वपुरुष कर्तृत्वकल्पना का लेश भी समावेश नहीं है।
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नित्य विषय और वाक्य अथवा वचन को यथानुपूर्वी ब्रह्मर्षिगण समाधि में दर्शन करते हैं , अतएव वेद में पूर्वपुरुष कर्तृत्वकल्पना का लेश भी समावेश नहीं है।
27.
प्राचीन काल में किसी समय देवरात नामक पूर्वपुरुष ने बड़ी निष्ठा और श्रद्धा के साथ यज्ञ किया था जिसमें उसने देवताओं को भी आमन्त्रित किया था।
28.
रसेल तथा हीरालाल ( 1916 ) के अनुसार छोटानागपुर के नागवंशी राजा मानते थे कि उनके पूर्वपुरुष नागदेवता और ब्राम्हण कन्या की युति से उत्पन्न हुए थे।
29.
उस समय ये सब कबीले या जातियाँ हिंदू थीं और उनके अधिपतियों के नाम संस्कृत भाषा के थे जैसे देवदत्तक , कबीले का पूर्वपुरुष या संस्थापक कोई देवदत्त था।
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उस समय ये सब कबीले या जातियाँ हिंदू थीं और उनके अधिपतियों के नाम संस्कृत भाषा के थे जैसे देवदत्तक , कबीले का पूर्वपुरुष या संस्थापक कोई देवदत्त था।