| 21. | निम्न रवाँई क्षेत्र का लोक गीत भाग्यवाद रहा हैं -
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| 22. | भाग्यवाद केवल प्रंपच और प्रताड़न है।
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| 23. | भाग्यवाद खत्म।चमत्कारों के नाम पर भोली जनता को ठगना खत्म।
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| 24. | यह शायद हताशा से उत्पन्न भाग्यवाद के कारण हुआ है।
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| 25. | भाग्यवाद की आवश्यकता किस लिए ?
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| 26. | मध्यकाल तक आते-आते कर्मवाद और भाग्यवाद जोर पकड ने लगे।
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| 27. | नहीं निरा भाग्यवाद सही नहीं है।
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| 28. | तो क्या निष्कर्ष भाग्यवाद की तरफ ले जा रहा है ?
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| 29. | पश्चिमी समाज में ऐसा भाग्यवाद (
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| 30. | वे भाग्यवाद में विश्वास नहीं करते।
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