| 21. | भावार्थ . .. ये घुंघराले खाब !!! ये घुंघराले खाब...
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| 22. | दहीकला अर्थात कलेवाके प्रमुख घटक एवं उनके भावार्थ
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| 23. | भावार्थ : पुरोहितों में मुखिया बृहस्पति मुझको जान।
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| 24. | क्या उसका भावार्थ आत्मा की आवाज़ है ?
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| 25. | भावार्थ : -सुनते ही लक्ष्मण भी साथ ही उठ चले।
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| 26. | भावार्थ : - उनको कोई कामना नहीं होती।
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| 27. | इसका भावार्थ हिन्दी अनुवाद से स्वयं स्पष्ट है .
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| 28. | उपरोक्त शब्द का भावार्थ इस तरह है -
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| 29. | भावार्थ : - मैं वही (पुरोहित का) वेश धरकर आऊँगा।
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| 30. | सोचकर देखिये कि कैसे कैसे भावार्थ निकाले जाते।
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