| 21. | मंजिल एक छलावा ही तो है तुम तो
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| 22. | तीसरी मंजिल पूर्णत : प्रकृति को आत्मसात किए है।
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| 23. | लक्ष्य पाकर मत रुको , मंजिल नयी वरते रहो.
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| 24. | लक्ष्य पाकर मत रुको , मंजिल नयी वरते रहो.
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| 25. | हर मंजिल के बाद , मंजिल मंजिल न रही,
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| 26. | हर मंजिल के बाद , मंजिल मंजिल न रही,
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| 27. | हर मंजिल के बाद , मंजिल मंजिल न रही,
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| 28. | हर मंजिल के बाद , मंजिल मंजिल न रही,
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| 29. | दिशा , मंजिल और रास्ता....अभी भी धुँधला सा है।
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| 30. | दिशा , मंजिल और रास्ता....अभी भी धुँधला सा है।
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