| 21. | सत्यमेव जयते मुंडक उपनिषद के तीसरे मुंडक के पहले खंड के छठे मंत्र का एक हिस्सा है .
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| 22. | रक्षक ही अमूमन मुंडक सिद्व हुए हैं और अपने चिर परिचित गूंठेपन के साथ भेड़ें मुंड रही हैं।
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| 23. | मुंडक के अलावा कई उपनिषदों और भगवद्गीता में भी सत्य के इस गूढ़ार्थ का विस्तृत विवेचन मिलता है .
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| 24. | मुंडक -उपनिषद में - ” अन्धकार से पार होने के लिए यह ओंकार का ध्यान तुम्हारे लिए कल्याणकारी हो ।
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| 25. | @ विचार शून्य 1 . मुंडक उपनिषद के निम्नलिखित पूरे श्लोक में : > सत्यमेव जयते नानृतम् सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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| 26. | @ विचार शून्य 1 . मुंडक उपनिषद के निम्नलिखित पूरे श्लोक में : > सत्यमेव जयते नानृतम् सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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| 27. | इनके अतिरिक्त ईश , केन , कठ , प्रश्न , मुंडक , मांडूक्य आदि प्राचीन उपनिषद् भारतीय चिंतन के आदिस्त्रोत हैं।
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| 28. | इनके अतिरिक्त ईश , केन , कठ , प्रश्न , मुंडक , मांडूक्य आदि प्राचीन उपनिषद् भारतीय चिंतन के आदिस्त्रोत हैं।
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| 29. | उत्तर : - मुंडक उपनिषद से 87 - संविधान के कौन से भाग में कल्याणकारी राज्य की संकल्पना सम्मिलित की गई है।
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| 30. | मुख्य उपनिषदें हैं- ईश , केन , कठ , प्रश्न , मुंडक , मांडूक्य , तैत्तिरीय , ऐतरेय , छांदोग्य , बृहदारण्यक और श्वेताश्वर।
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