सुस्त क़दमों से राहदारी और लान पार कर एक घने बरगद के करीब से गुज़रा ही था , कि वह फिर दिखी , आराम से पालथी जमाये , नीबू का अचार चट्कारती ।
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इसका नाम साल्ज़ाक नदी पर नमक ढोने वाले बजरों से व्युत्पन्न हुआ है , जिनसे आठवीं शताब्दी में राहदारी वसूली जाती थी, जो कई यूरोपीय नदियों पर स्थित कई समुदायों और शहरों पर प्रथागत था।
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इसका नाम साल्ज़ाक नदी पर नमक ढोने वाले बजरों से व्युत्पन्न हुआ है , जिनसे आठवीं शताब्दी में राहदारी वसूली जाती थी, जो कई यूरोपीय नदियों पर स्थित कई समुदायों और शहरों पर प्रथागत था.
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यह पद्धति प्राचीन यूनानी प्रथा से मिलती जुलती है जिसमें पाताल में बहने वाली स्टिक्स नदी को पार करने के लिए राहदारी ( पथ कर) अदा करने के लिए मुर्दे के मुंह में सिक्का (ओबोलस) रख दिया जाता था.
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अभी तीन महीने पहले ही महानगर मुंबई के एक पोश इलाके में रहना हु आ . .. पूरा एक वी क. वहाँ देखा की सभी छोटे-बडे राहदारी हर छोटी-बडी दूकनों वाले , ओटो वाले , ठेले वाले वगैरा ...
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यह पद्धति प्राचीन यूनानी प्रथा से मिलती जुलती है जिसमें पाताल में बहने वाली स्टिक्स नदी को पार करने के लिए राहदारी ( पथ कर) अदा करने के लिए मुर्दे के मुंह में सिक्का (ओबोलस) रख दिया जाता था.
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पर जाये कहां ? मायके ? निर्मल कहीं जा तो नहीं सकी पर पीहर के नाम से उसके सामने वह समय आ खड़ा हुआ जब इंग्लैंड से उसकी राहदारी आई थी और वह दिन रात विलायत में ही विचरने लगी थी।
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यह पद्धति प्राचीन यूनानी प्रथा से मिलती जुलती है जिसमें पाताल में बहने वाली स्टिक्स नदी को पार करने के लिए राहदारी ( पथ कर ) अदा करने के लिए मुर्दे के मुंह में सिक्का ( ओबोलस ) रख दिया जाता था .
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भेद-भरी तुम्हारी आवाज़ , जो प्रेम करती है मृत्यु-सूचनाओं के घंट-निनादों से, और उदास हो जाती है अनुगूँजित मरती हुई शाम में! एक दुर्बोध समय में, इस तरह मैंने देखा खेतों के पार, गेहूँ की बालियों की राहदारी करते हुए हवा के मुख में ।
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रिश्ते अक्सर अपने स्वाभाविक स्वतंत्र रूप में नहीं होते - कभी उनकी नकेल कानून के हाथ में होती हैं , तो कभी सामाजिक कर्तव्य के , पर इमरोज़ के शब्दों में , “ अगर राह अपनी है , राहदारी की क्या ज़रूरत है ? ” हर कानून “ राहदारी ” होता है।