| 21. | विषयों के वैविध्य ने कवि को एक अलग पहचान
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| 22. | ========== वैविध्य आवश्यक है , इससे गुणवत्ता बढ़ती है।
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| 23. | बिषयों का वैविध्य ही शास्त्री की पहचान।।
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| 24. | संग्रह की कविताओं में विषय वैविध्य है।
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| 25. | कहती हैं , ‘भारतीय शास्त्रीय नृत्य का वैविध्य अपूर्व है।
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| 26. | साथ ही छत्तीसगढ़ के अद्वितीय सांस्कृतिक वैविध्य एवं विशिष्ट
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| 27. | आरएसएस का गुजरात मॉडल सामाजिक वैविध्य का अस्वीकार . ..
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| 28. | सोमदत्त बखोरी की कविताओं में वैविध्य के स्वर हैं।
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| 29. | वस्तुजगत में वैविध्य है , प्राणियों में वैविध्य है।
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| 30. | वस्तुजगत में वैविध्य है , प्राणियों में वैविध्य है।
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