गंभीरता और शांतचित्तता , द्रविड़ के ये दो ऐसे गुण हैं जो उन्हें उस तरह का हीरो नहीं बनने देते जैसे गांगुली कोलकाता में, धोनी झारखंड में और तेंदुलकर पूरे देश में हैं
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गंभीरता और शांतचित्तता , द्रविड़ के ये दो ऐसे गुण हैं जो उन्हें उस तरह का हीरो नहीं बनने देते जैसे गांगुली कोलकाता में, धोनी झारखंड में और तेंदुलकर पूरे देश में हैं.
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गंभीरता और शांतचित्तता , द्रविड़ के ये दो ऐसे गुण हैं जो उन्हें उस तरह का हीरो नहीं बनने देते जैसे गांगुली कोलकाता में, धोनी झारखंड में और तेंदुलकर पूरे देश में हैं
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गंभीरता और शांतचित्तता , द्रविड़ के ये दो ऐसे गुण हैं जो उन्हें उस तरह का हीरो नहीं बनने देते जैसे गांगुली कोलकाता में, धोनी झारखंड में और तेंदुलकर पूरे देश में हैं.
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गंभीरता और शांतचित्तता , द्रविड़ के ये दो ऐसे गुण हैं जो उन्हें उस तरह का हीरो नहीं बनने देते जैसे गांगुली कोलकाता में , धोनी झारखंड में और तेंदुलकर पूरे देश में हैं
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गंभीरता और शांतचित्तता , द्रविड़ के ये दो ऐसे गुण हैं जो उन्हें उस तरह का हीरो नहीं बनने देते जैसे गांगुली कोलकाता में , धोनी झारखंड में और तेंदुलकर पूरे देश में हैं .
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आगे पढे तेंदुलकर ने काटा केक , प्रशंसकों को कहा शुक्रियाक्रिकेट के मैदान पर शांतचित्तता की मिसाल सचिन तेंदुलकर ने आज कहा कि अपने 40वें जन्मदिन का केक काटते समय वह तनाव महसूस कर रहे हैं।
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श्लैष्मिक प्रकृति ( शीतस्वभाव ) मनुष्य की शांतचित्तता , आत्म-नियंत्रण और गंभीरता की सामान्यतः हर कोई प्रशंसा करेगा , किंतु प्रतिकूल परिस्थितियों में वे उसे निश्चेष्ट , जड़ और ऊबाऊ आदमी में परिवर्तित कर सकते हैं।
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गंभीरता और शांतचित्तता , द्रविड़ के ये दो ऐसे गुण हैं जो उन्हें उस तरह का हीरो नहीं बनने देते जैसे गांगुली कोलकाता में, धोनी झारखंड में और तेंदुलकर पूरे देश में हैं आंकड़ों की गहराई में उतरने का मकसद सिर्फ यही दिखाना है कि द्रविड़ की वीरता को अक्सर भाग्य की क्रूरता लीलती रही है.
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मगर जब ऐसा ही एक फैसला तेंदुलकर के मामले में सुनाया गया तो पूरे देश में भूचाल आ गया और यह अंतरराष्ट्रीय महत्व की खबर बन गई . </p>< p>गंभीरता और शांतचित्तता, द्रविड़ के ये दो ऐसे गुण हैं जो उन्हें उस तरह का हीरो नहीं बनने देते जैसे गांगुली कोलकाता में, धोनी झारखंड में और तेंदुलकर पूरे देश में हैं.