| 21. | मन : श्रांति के मुख्य कारण अत्यधिक शारीरिक परिश्रम, दीर्घकालीन संवेगात्मक तनाव, मानसिक श्रम और चिंता इत्यादि हैं।
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| 22. | रसायन तैयार किया जिसके सेवन से धर्म मार्ग में कष्ट और श्रांति न जान पड़े ,
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| 23. | व्यक्ति , जो अतिसंवेदनशील, व्यग्र तथा चिड़चिड़े होते हैं, सामान्यतः इसप्रकार की श्रांति से पीड़ित होते हैं।
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| 24. | श्रांति का मुख्य कारण , भोजन की गलत आदतों के कारण, कम जीवन-शक्ति या ऊर्जा की कमी है।
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| 25. | तथापि , चिरकालिक या निरन्तर श्रांति एक गंभीर समस्या है, जिसके लिए उपचार की एक व्यापक योजना आवश्यक है।
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| 26. | चिंता , ऊब की कोई अनुभूति तथा एक असफलतावादी मनोवृत्ति जैसे अन्य भावानात्मक घटकों के परिणामस्वरूप श्रांति हो सकती है।
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| 27. | मन : श्रांति के मुख्य कारण अत्यधिक शारीरिक परिश्रम , दीर्घकालीन संवेगात्मक तनाव , मानसिक श्रम और चिंता इत्यादि हैं।
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| 28. | मन : श्रांति के मुख्य कारण अत्यधिक शारीरिक परिश्रम , दीर्घकालीन संवेगात्मक तनाव , मानसिक श्रम और चिंता इत्यादि हैं।
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| 29. | मन : श्रांति के स्थायी उपचार के लिये उसके उत्तेजक कारणों का पता लगाना अत्यंत आवश्यक है, जैसे मानसिक, चिंता, विषाक्तता (
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| 30. | मन : श्रांति के स्थायी उपचार के लिये उसके उत्तेजक कारणों का पता लगाना अत्यंत आवश्यक है, जैसे मानसिक, चिंता, विषाक्तता (
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