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शब्दकोश > हिंदी शब्दकोश > "संपूर्णतया" अर्थ

संपूर्णतया का अर्थ

उदाहरण वाक्य
21.अब आगे चल कर लोग संपूर्णतया एक वेद भी पढ़ न सके , किंतु उसकी अनेक शाखाओं में से सिर्फ एक ही , तो फिर उन गोत्रों के लोगों ने शाखा का व्यवहार करना शुरू किया।

22.जब आप हिन्दी ब्लाग जगत पर संपूर्णतया से लिखना चाहते हैं तो फिर आप इस हाशिए से दूर ही रहें क्योंकि वहां पर सीमित रहने का मतलब यह है कि आप अपने विषय को सीमित ही रख पायेंगे।

23.ऐसे धूर्तो की कमी नहीं रही , पर मानवता कभी भी संपूर्णतया नहीं हुई और न आगे ही होगी, लेकिन बीच-बीच में ऐसा अंधयूग आ ही जाता है , जिसमें धर्म , जाति एवं क्षेत्र के नाम पर झूठे ढकोसले खड़े हो जाते हैं ।

24.किसी लेखक ने नहीं अनुभव किया होगा कि कल का स्वाधीन साहित्यसृष्टा आज का रेडियो कर्मचारी या प्रकाशक का सलाहकार बनकर , अपनी संस्था के दृष्टिकोण को संपूर्णतया अपनाकर, आज उसके पास कोई ऐसा प्रस्ताव लेकर आया है जिसे कल वह स्वयं आग्रह्य मानता था!

25.मानव-देह ही सर्वश्रेष्ठ देह है , एवं मनुष्य ही सर्वोच्च प्राणी है, क्योंकि इस मानव-देह तथा इस जन्म में ही हम इस सापेक्षिक जगत् से संपूर्णतया बाहर हो सकते हैं-निश्चय ही मुक्ति की अवस्था प्राप्त कर सकते हैं, और यह मुक्ति ही हमारा चरम लक्ष्य है।

26.“मानव-देह ही सर्वश्रेष्ठ देह है , एवं मनुष्य ही सर्वोच्च प्राणी है, क्योंकि इस मानव-देह तथा इस जन्म में ही हम इस सापेक्षिक जगत् से संपूर्णतया बाहर हो सकते हैं-निश्चय ही मुक्ति की अवस्था प्राप्त कर सकते हैं, और यह मुक्ति ही हमारा चरम लक्ष्य है।”

27.§ मानव-देह ही सर्वश्रेष्ठ देह है , एवं मनुष्य ही सर्वोच्च प्राणी है, क्योंकि इस मानव-देह तथा इस जन्म में ही हम इस सापेक्षिक जगत् से संपूर्णतया बाहर हो सकते हैं-निश्चय ही मुक्ति की अवस्था प्राप्त कर सकते हैं, और यह मुक्ति ही हमारा चरम लक्ष्य है।

28.४ . मानव-देह ही सर्वश्रेष्ठ देह है, एवं मनुष्य ही सर्वोच्च प्राणी है, क्योंकि इस मानव-देह तथा इस जन्म में ही हम इस सापेक्षिक जगत् से संपूर्णतया बाहर हो सकते हैं-निश्चय ही मुक्ति की अवस्था प्राप्त कर सकते हैं, और यह मुक्ति ही हमारा चरम लक्ष्य है।

29.ऐसे धूर्तो की कमी नहीं रही , पर मानवता कभी भी संपूर्णतया नहीं हुई और न आगे ही होगी , लेकिन बीच-बीच में ऐसा अंधयूग आ ही जाता है , जिसमें धर्म , जाति एवं क्षेत्र के नाम पर झूठे ढकोसले खड़े हो जाते हैं ।

30.इसका अर्थ हुआ कि जब हम अपने उद्देश्य में सफल होंगे तब हमें व्यवस्था की अवधारणा से मुक्ति लेकर संपूर्णतया अव्यवस्था की ओर नहीं जाना है , बल्कि कोई न कोई व्यवस्था हमें तब भी चाहिए होगी और उस व्यवस्था का निर्वहन करनेवाले लोग भी चाहिए होंगे।

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