| 21. | लोगों ने सूरदास को बिछावन पर लिटा दिया।
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| 22. | सूरदास प्रभु देत दिनहिं दिन ऐसियै लरिक सलोरी॥
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| 23. | ' सूरदास' प्रभु बिन दुख दूनो, नैननि नीर बह्यो।।
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| 24. | ' सूरदास' प्रभु बिन दुख दूनो, नैननि नीर बह्यो।।
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| 25. | ' सूरदास' प्रभु बिन दुख दूनो, नैननि नीर बह्यो।।
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| 26. | सूरदास चरनन रज माँगत , निरखत रुप निधान ॥
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| 27. | सूरदास की काली कमरी चढ़े न दूजो (
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| 28. | सूरदास जी ने बड़ा सुन्दर वर्णन किया है।
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| 29. | यह स्थान महाकवि सूरदास की साधना स्थली है।
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| 30. | कीजै कृपा सुमिरि अपनौ प्रन , सूरदास बलि जाउँ॥
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