| 31. | अँगड़ाई लेती बिल्ली . .. और आते-जाते कई लोग, नमस्ते, सलाम
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| 32. | सोचा लिखूँ प्रथम अँगड़ाई , फ़ागुन के बहके मौसम की
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| 33. | गुलाब के बदन पर दो तारों की झिलमिल अँगड़ाई
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| 34. | मौसम की हर अँगड़ाई से मैने किये नये अनुबन्धन
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| 35. | झुलसायी आँखों में सँवरे सपनों की हर इक अँगड़ाई
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| 36. | नींद से मैं जागी ले के अँगड़ाई
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| 37. | पल्लव पल्लव ले अँगड़ाई , कली कली ने आँखें खोली
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| 38. | करुणा की नव अँगड़ाई सी , मलयानिल की परछाईं सी,
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| 39. | ये प्यार की बाहें हैं या मौत की अँगड़ाई
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| 40. | तव अँगड़ाई उठाये हृत में कसक
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