यद्यपि अंतर्विवाह एवं बहिर्विवाह के नियम प्रत्यक्ष रूप में विराधी दिखाई पड़ते हैं परन्तु दोनों नियम एक - दूसरे के पूरक है तथा दो स्तरों पर व्यवहारित होते हैं।
32.
निःसंदेह , सहभोज या अंतर्विवाह जैसे सामाजिक, संपूर्ण रोजगार या राष्ट्रीयकरण या बराबरी जैसे आर्थिक और पिछड़ी जातियों और गुटों को प्रतिनिधित्व की गारंटी जैसे राजनैतिक हल जरूर निकालने चाहिए।
33.
यद्यपि अंतर्विवाह एवं बहिर्विवाह के नियम प्रत्यक्ष रूप में विराधी दिखाई पड़ते हैं परन्तु दोनों नियम एक - दूसरे के पूरक है तथा दो स्तरों पर व्यवहारित होते हैं।
34.
तदनुसार उन्होंने तर्क दिए कि पठान गैर-अरब हुन र यसकारण ' नव मुसलमान' हो, र सैय्यद र शैख़ कफा होइन, जो अरब वंश का दावा गर्दछन, यसकरण उनीहरूको साथ अंतर्विवाह गर्न सक्दैनन।
35.
निःसंदेह , सहभोज या अंतर्विवाह जैसे सामाजिक , संपूर्ण रोजगार या राष्ट्रीयकरण या बराबरी जैसे आर्थिक और पिछड़ी जातियों और गुटों को प्रतिनिधित्व की गारंटी जैसे राजनैतिक हल जरूर निकालने चाहिए।
36.
आज भी शादी -व्याह को जातिगत बंधन से मुक्त नहीं किया जा सका है -जबकि विभिन्न जातियों में अंतर्विवाह से वंश की सबलता के प्रामाणिक ' जीनिक ' कारण मौजूद हैं .
37.
अंत में हम इस धारणा की व्याख्या कैसे करें जो कि हमारे आलोचक आगे बढा रहे हैं कि वर्तमान सरकार डेनमार्क और विदेशी के मध्य “ अंतर्विवाह से परहेज करना चाहती है”
38.
पूर्वी गंग वंशों में अंतर्विवाह की शुरुआत हुई और उन्होंने ऐसे समय में चोलों और चालुक्य वंशों को चुनौती देना आरंभ किया , जब पश्चिमी गंग यह सब छोड़ने पर विवश हो चुके थे।
39.
तदनुसार उन्होंने तर्क दिया कि पठान गैर-अरब हैं और इसलिए ' नव मुसलमान' हैं, और सैय्यद और शैख़ कफा नहीं हैं, जो अरब वंश का दावा करते हैं, इसलिए उनके साथ अंतर्विवाह नहीं कर सकते हैं.
40.
तदनुसार उन्होंने तर्क दिया कि पठान गैर-अरब हैं और इसलिए ' नव मुसलमान' हैं, और सैय्यद और शैख़ कफा नहीं हैं, जो अरब वंश का दावा करते हैं, इसलिए उनके साथ अंतर्विवाह नहीं कर सकते हैं.