| 31. | अप्रस्तुत विधान , चाहे वे किसी रूप में
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| 32. | कारण अप्रस्तुत वस्तुओं में भी पूरी विभिन्नता नहीं होती।
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| 33. | अप्रस्तुत कहीं-कहीं आकारमूलक रूप में भी प्रस्तुत हुआ है-
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| 34. | सांगरूपक में कहीं -कहीं तो केवल अप्रस्तुत ( उपमान )
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| 35. | कार्य द्वारा कारण के निर्देश से यहाँ ' अप्रस्तुत
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| 36. | कार्य द्वारा कारण के निर्देश से यहाँ ' अप्रस्तुत
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| 37. | अत : अस्तित्व की स्वीकृति के संदर्भ में अप्रस्तुत है।
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| 38. | मैं इन्हें प्रस्तुत विषय मानता हूँ , जिनपर अप्रस्तुत विषयों का
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| 39. | पर इस अप्रस्तुत अवयव का होना
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| 40. | कहीं कहीं तो यह अप्रस्तुत विधान
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