इसपर यह आयत उतरी कि मस्जिदों का आबाद करना काफ़िरों को नहीं पहुंचता क्योंकि मस्जिद आबाद की जाती है अल्लाह की इबादत के लिये , तो जो ख़ुदा ही का इन्कारी हो , उसके साथ कुफ़्र करे , वह क्या मस्जिद आबाद करेगा .
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सिध्द संरचना कठिन है स्वप्न की साकार सृष्टि है सरल यादों की नूतन बस्तियाँ आबाद करना शिव और विष के भेद का बस कण्ठ को ही ज्ञान है इसलिए कण्ठस्थ है मन की अमर अभिव्यंजना ज्योति कलश पर स्मृति स्वास्तिक रचोगे मैं आरती के दीप बुझने ही न दूंगा
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सवाल यह भी है कि जिन जमीनों पर कई वर्षों से जमकर खेती होने लगी है , किसान अपना हक जता रहे हैं, साक्ष्य पेश करते हुए सरकार से लड़ाई लड़ रहे हैं, उचित मुआवजे के एवज में जमीन देने को तैयार होने की बात कह रहे हैं, वहां अब पानी पहुंचाना या झील को आबाद करना क्या इतना आसान रह गया है.
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सवाल यह भी है कि जिन जमीनों पर कई वर्षों से जमकर खेती होने लगी है , किसान अपना हक जता रहे हैं , साक्ष्य पेश करते हुए सरकार से लड़ाई लड़ रहे हैं , उचित मुआवजे के एवज में जमीन देने को तैयार होने की बात कह रहे हैं , वहां अब पानी पहुंचाना या झील को आबाद करना क्या इतना आसान रह गया है .
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“ गुडिया , ये नानाजी का आशीर्वाद है | जल्दी से बड़ी हो जाओ फिर लेने आऊंगा | फिर नाना का घर भी अपनी चांदनी से आबाद करना | अरसा हुआ , हवेली में किसी की किलकारी सुने हुए | पिछली दफा बस तेरी माँ के रोने और हंसने की आवाज़ याद है मुझे तो | अब तू आ गई है | तेरे साथ खूब खेलूँगा | ”
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मैने हंस कर कमरोज़ के कहा , “ चलो , यही बस जाएं ! तुम तो जाटों के पुत्र हो , खेती-बड़ी तुम्हारी नसों में है , तुम एक एकड़ ज़मीन आबाद करना , और मैं खेतों में झोंपड़ी डालकर रहूंगी , तुम्हारा खाना पकाया करूंगी ... ” यह दिन लाल पकी हुई चेरियों के हैं और हमने चेरियों की टोकरी भर कर कार में रखी हुई थी।
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शर्त सिर्फ एक ज़मीन पर सारी मेहनत उन्हें अपने ही हाथों से करनी है , किसी मजदूर को उजरत देकर अपने खेत या बगीचे का काम नहीं करवाना है... मैने हंस कर कमरोज़ के कहा, “चलो, यही बस जाएं ! तुम तो जाटों के पुत्र हो, खेती-बड़ी तुम्हारी नसों में है, तुम एक एकड़ ज़मीन आबाद करना, और मैं खेतों में झोंपड़ी डालकर रहूंगी, तुम्हारा खाना पकाया करूंगी...” यह दिन लाल पकी हुई चेरियों के हैं और हमने चेरियों की टोकरी भर कर कार में रखी हुई थी।
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शर्त सिर्फ एक ज़मीन पर सारी मेहनत उन्हें अपने ही हाथों से करनी है , किसी मजदूर को उजरत देकर अपने खेत या बगीचे का काम नहीं करवाना है... मैने हंस कर कमरोज़ के कहा, “चलो, यही बस जाएं ! तुम तो जाटों के पुत्र हो, खेती-बड़ी तुम्हारी नसों में है, तुम एक एकड़ ज़मीन आबाद करना, और मैं खेतों में झोंपड़ी डालकर रहूंगी, तुम्हारा खाना पकाया करूंगी...” यह दिन लाल पकी हुई चेरियों के हैं और हमने चेरियों की टोकरी भर कर कार में रखी हुई थी।
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जनकल्याण सम्बन्धी सेवाएं- पवित्रता एवं स्वच्छता की शिक्षा एवं व्यवस्था मार्ग से कष्ट दूर करना सराय एवं होटल का निर्माण करना पानी की व्यवस्था जमीन का आबाद करना वृक्षारोपण मसजिदों की स्थापना जनहित के कामों के लिए धर्मार्थदान ( वक्फ ) की श्रेष्ठता सार्वजननिक सम्पति को हानि न पहुंचाई जाए वे जीवन साधन जो सार्वजनिक सम्पति हैं कौमी महत्व के साधन सबके लिए हैं निजी जीवन-साधनों में भी अन्य लोगों का हक है जन कल्याण की संस्थाएं एवं संगठनः संस्थाओं की आवश्यकता एवं महत्व संगठित प्रयास के लाभ गैरमुस्लिमों से सहयोग राज्य से सहयोग