| 31. | है , जिसे दिवस 1 माना जाता है.यह चक्र अगले आर्तव चक्र के शुरू होने के ठीक
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| 32. | शरीर को आर्तव की आदत पड़ने के दौरान होती हैं . फिर भी यदि आपको लंबे समय
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| 33. | यह पाया गया है कि अंडक्षरण ( अंडकोषिका का अंडग्रंथि से निकलना) आर्तव के समय नहीं होता।
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| 34. | यह पाया गया है कि अंडक्षरण ( अंडकोषिका का अंडग्रंथि से निकलना) आर्तव के समय नहीं होता।
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| 35. | अतएव आर्तव के पूर्व का सप्ताह “निर्भय काल” कहलाता है , जिसमें गर्भस्थापना का भय नहीं रहता।
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| 36. | अतएव आर्तव के पूर्व का सप्ताह “निर्भय काल” कहलाता है , जिसमें गर्भस्थापना का भय नहीं रहता।
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| 37. | जाता है और आर्तव के शुरू होने तक बढ़ा रहता है . तापमान की इस वृद्धि को यह
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| 38. | कष्टार्तव ( सं . ) [ सं-पु . ] स्त्री को कष्ट से रजोधर्म ( आर्तव ) का होना।
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| 39. | यह वायु पक्वाशय में रहती है तथा इसका कार्य मल , मूत्र ,शुक्र, गर्भ और आर्तव को बाहर निकालना है।
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| 40. | पृथ्वी की गति के कारण जब सूर्य वसंतपात की एक परिक्रमा कर लेता है , तब उसे एक आर्तव वर्ष कहते हैं।
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