| 31. | देखिये : टिपेरातँत्रयामल सँहिता श्लोक ३६/६३ उपसर्ग ५४
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| 32. | या तो कभी उपसर्ग या प्रत्यय में . .
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| 33. | डॉ . रघुवीर ने संस्कृत की धातु, उपसर्ग और
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| 34. | ( क) उपसर्ग तथा प्रत्यय को मूल शब्द से अलग
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| 35. | इनका प्रधान लक्षण उपसर्ग जोड़कर पद बनाने का हे।
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| 36. | वि उपसर्ग में अलगाव का भाव है।
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| 37. | लैटिन् उपसर्ग जिसका अर्थ “से” “से दूर” होता है
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| 38. | आधानम् में सम् उपसर्ग लगने से बनता है समाधानम्।
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| 39. | 24 स्वच्छ उपसर्ग और पोस्टफिक्स इनपुट पैक सीएसएस /
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| 40. | [ 65][66] यह चतुष्कोण “मंगल ग्रह चार्ट” के लिए उपसर्ग
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