सिट्रिक एसिड चक्र में माध्यमिक भूमिका निभाने वाले कार्बाक्सिलिक एसिड , एककोशिकीय बैक्टीरिया एश्चरिशिया कोली से लेकर हाथियों जैसे विशाल बहुकोशिकीय जीवों तक , सभी में पाए जाते हैं .
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कुछ एककोशिकीय जातियों , उदाहरणार्थ खमीर, के अतिरिक्त अन्य सभी जातियों का शरीर कोशिकामय होता है, जो सूक्ष्मदर्शीय ((माइक्रोस्कोपिक)) रेशों से निर्मित होता है और जिससे प्रत्येक दिशा में शाखाएँ निकलकर जीवाधार (
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यदि एक एककोशिकीय अंगी , अमीबा युक्त एक पात्र में अम्ल के सांद्रण ( concentration ) को बढ़ा दिया जाए , तो अमीबा उस तरफ़ को चला जाएगा , जहां अम्ल का सांद्रण कम है।
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कुछ एककोशिकीय जातियों , उदाहरणार्थ खमीर, के अतिरिक्त अन्य सभी जातियों का शरीर कोशिकामय होता है, जो सूक्ष्मदर्शीय ((माइक्रोस्कोपिक)) रेशों से निर्मित होता है और जिससे प्रत्येक दिशा में शाखाएँ निकलकर जीवाधार (substratum) के ऊपर या भीतर फैली रहती हैं।
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कुछ एककोशिकीय जातियों , उदाहरणार्थ खमीर , के अतिरिक्त अन्य सभी जातियों का शरीर कोशिकामय होता है , जो सूक्ष्मदर्शीय (( माइक्रोस्कोपिक )) रेशों से निर्मित होता है और जिससे प्रत्येक दिशा में शाखाएँ निकलकर जीवाधार ( substratum ) के ऊपर या भीतर फैली रहती हैं।
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अब तक वैज्ञानिकों की यह समझ रही है कि 60 करोड़ साल से पहले दुनिया पर एककोशिकीय जीवाणु का वर्चस्व था , लेकिन बस्तियों में रहने वाले इस नए जीव की खोज से मालूम होता है कि जटिलता की ओर विकास जल्द ही शुरू हो गया था।
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चयापचय की एक खास बात यह है कि जातियों में बड़ी भिन्नताएं होने पर भी उनके मूल चयापचयी मार्ग और अंश समान प्रकार के होते हैं . [2] उदा. सिट्रिक एसिड चक्र में माध्यमिक भूमिका निभाने वाले कार्बाक्सिलिक एसिड, एककोशिकीय बैक्टीरिया एश्चरिशिया कोली से लेकर हाथियों जैसे विशाल बहुकोशिकीय जीवों तक, सभी में पाए जाते हैं.
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कवक जुन एक प्रकारको बिरुवा हो , आफ्नो भोजन सडेको गलेको म्रृत कार्बनिक पदार्थहरू बाट प्राप्त गर्छन् र जसको सबै भन्दा धेरै लाभ संसारमा अपमार्जकको रूपमा कार्य गर्न छ, प्रोटोजोआ एक एककोशिकीय जीव हो, यसका कोशिकाहरू युकैरियोटिक प्रकारको हुन्छ र साधारण सूक्ष्मदर्शक यन्त्र भन्दा सजिलै सँग हेर्न सकिन्छ , आर्गर्यो या आर्किबैक्टीरिया जुन आफ्नो सरल रूपमा ब्याक्टेरिया जस्तै नै हुन्छन्मा उनको कोशीय संरचना धेरै अलग हुन्छ।
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कवक जो एक प्रकार के पौधे हैं , अपना भोजन सड़े गले म्रृत कार्बनिक पदार्थों से प्राप्त करते हैं और जिनका सबसे बडा लाभ संसार मे अपमार्जक के रूप मे कार्य करना है, प्रोटोज़ोआ जो एक एककोशिकीय जीव है, जिसकी कोशिकायें युकैरियोटिक प्रकार की होती हैं और साधारण सूक्ष्मदर्शी यंत्र से आसानी से देखे जा सकता है, आर्किया या आर्किबैक्टीरिया जो अपने सरल रूप में बैक्टीरिया जैसे ही होते हैं पर उनकी कोशीय संरचना काफ़ी अलग होती है।
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कवक जो एक प्रकार के पौधे हैं , अपना भोजन सड़े गले म्रृत कार्बनिक पदार्थों से प्राप्त करते हैं और जिनका सबसे बडा लाभ संसार मे अपमार्जक के रूप मे कार्य करना है, प्रोटोज़ोआ जो एक एककोशिकीय जीव है, जिसकी कोशिकायें युकैरियोटिक प्रकार की होती हैं और साधारण सूक्ष्मदर्शी यंत्र से आसानी से देखे जा सकता है, आर्किया या आर्किबैक्टीरिया जो अपने सरल रूप में बैक्टीरिया जैसे ही होते हैं पर उनकी कोशीय संरचना काफ़ी अलग होती है।