| 31. | अंकुरबाबूः यह आप तप कर रहे हैं !
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| 32. | उसका सारा जीवन तप और साधना का जीवन
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| 33. | यथा- ‘ तप रे मधुर-मधुर मन ' -इत्यादि।
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| 34. | तप कर सकते और पिता-माता किसके इतना भारी ?
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| 35. | ये तप करके उत्तर दिशा के लोकपाल हुए।
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| 36. | शरीर भी अग्नि की भांति तप रहा था।
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| 37. | पर ब्रह्मा उनके तप पर भी नही रीझे।
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| 38. | स्वयं भी तप और तितिक्षा से पावन हुआ
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| 39. | तप दमन और कर्म उपनिषद के आधार हैं।
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| 40. | Ref > स्नानं दानं तप : श्राद्धमनन्तं राहुदर्शने।
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