| 31. | आओ दीप जलाएँ गहराया जहाँ तम है ॥
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| 32. | महामोह तम पुंज जासु बचन रबि कर निकर॥5॥
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| 33. | दस दिसा में फैलता है तेज तम ।
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| 34. | आँख मिचौनी खेला करते थे हम तम ,
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| 35. | अगर हम सिर्फ़ तम को ही लें ।
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| 36. | विहंगों की ध्वनि नींद तम धो रही है
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| 37. | पशुभाव / अज्ञान भाव सारा तम रूप है।
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| 38. | तम से त्राण जगका , हो नहीं पाता कभी.
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| 39. | मेघों का कोमल तम , श्यामल तरु से छन
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| 40. | भागेगा तम का असुर , सिर पर रख कर पांव
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