| 31. | ' ' ‘‘ किंतु स्वामी ! उसका पालन-पोषण तो दास्य परिवेश में ही होगा।
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| 32. | दास्य में प्रेमी भक्त और प्रेमपात्र भगवान के बीच दूरी बनी रहती है।
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| 33. | दास्य भाव की भक्ति चाहिए तब प्राप्त होता है यह अमृत रस .
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| 34. | वहाँ भक्ति के दिशा-निर्देश थेलगभग दास्य जैसेजिन पर रहती है मालिक की नजर
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| 35. | परिश्रम से स्वतंत्रता या फिर आराम से दास्य का चुनाव हमको ही करना है।
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| 36. | कृष्ण-भक्तिरस पाँच प्रकार का है- शान्त , दास्य , संख्य , वात्सल्य और मधुर।
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| 37. | कृष्ण-भक्तिरस पाँच प्रकार का है- शान्त , दास्य , संख्य , वात्सल्य और मधुर।
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| 38. | जिन्होंने उत्तर भारत में भगवान विष्णु की दास्य भक्ति पर बल दिया था , इनका
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| 39. | दास्य और कलह ही में नहीं खोतीं उसी भाँति हमारी गृह देवता भी वत्र्तमान
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| 40. | उपर्युक्त छ : में तीन-श्रवण , दास्य और सख्य और जोड़ दिये गये हैं।
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