| 31. | दूब घास को हम सब भूल रहे हंै।
|
| 32. | दूब पर बिखरे हुए मोती हज़ारों ओस के
|
| 33. | दूब की शाख़ पर कुछ नमी रह गई
|
| 34. | दूब सी कोमल हूँ , चट्टान सी कठोर हूँ
|
| 35. | सारी दूब को रौंद कर जब तुम लौटोगे
|
| 36. | बड़े बिरछ कट जाएंगे , दूब खूब की खूब।।
|
| 37. | बड़े बिरछ कट जाएंगे , दूब खूब की खूब।।
|
| 38. | नानक नान्हे व्हे रहो जैसे नान्हीं दूब ।
|
| 39. | घास के दूब नंगे तलवे पर सुखद थे।
|
| 40. | स्वाद : दूब तीखी और कषैली होती है।
|