| 31. | बाल का अनुप्रस्थ परिच्छेद अंडाभ होता है।
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| 32. | इसमें दस प्रपाठक या परिच्छेद ( भाग ) हैं।
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| 33. | इस ग्रंथ में कुल 23 परिच्छेद हैं।
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| 34. | अगला 101वाँ परिच्छेद सुमंगलाचार्य तथा देवरक्षित द्वारा रचा गया।
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| 35. | नीचे दिए परिच्छेद के अंतर्गत , हम आपके
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| 36. | आदि के नौ परिच्छेद वररुचि कृत हैं।
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| 37. | ‘ सरस्वतीकण्ठाभरण ' में पाँच परिच्छेद हैं।
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| 38. | आदि के नौ परिच्छेद वररुचि कृत हैं।
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| 39. | अगला 101वाँ परिच्छेद सुमंगलाचार्य तथा देवरक्षित द्वारा रचा गया।
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| 40. | इस परिच्छेद की अवस्था बड़ी विलक्षण है।
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