घपलों-घोटालों-समस्याओं से घिरी केंद्र सरकार और सोनिया गांधी अगर नाच-गा कर या क्रिकेट के बुखार में तप रहे लोगों के साथ कदमताल करके खुद को बचाना या बरी करना चाहते हैं तो भूल जाएं .
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आपका उद्देश्य किसी को मारना न हो तो भी अगर कोई आपकी वजह से मरता है तो 304 का केस तो आप पर बनेगा ही आप सुव्रत को किस तरह बरी करना चाहते हैं ? '
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अधिवक्ता एसके शर्मा ने विशेष सीबीआई न्यायाधीश स्वर्ण कांता शर्मा से कहा , ‘‘ जिस दिन आपने : सीबीआई : बंसल को इस मामले में गवाह बनाया , इस अदालत को सभी आरोपियों को बरी करना चाहिए था।
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और नाकारा है ऐसा कहकर मज़ाक उड़ाते हुए उसे बरी करना हमारा भोलापन व बेवक़ूफी होगी , क् योंकि जिनकी झोली में फ़ायदे गिरा रही हैं हम देखते रहे हैं कितनी समझदारी और स् मार्टनेस से गिराती है .
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वैसे आप लोग तो चाहते है बाइज्जत बरी करना लेकिन कर नही पाते ईस लिये कोई छोटा मोटा गुन्हा कबुल करके बाकी तो भुलना चाहते हो . आप कहते है “ शिक्षा को छुपाया गया . ग्रंथो मे छेड़छाड़ ” .
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वह भी एसी हालत में जब सरकार परमाणु जवाबदेही विधेयक के जरिये एसी किसी भी भावी दुर्घटना या आपराधिक लापरवाही की स्थिति में दोषी कंपनी को पूरी तरह किसी भी जवाबदेही और मुआवजा देने के दायित्व से बरी करना चाहती है .
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घपलों-घोटालों-समस्याओं से घिरी केंद्र सरकार और सोनिया गांधी अगर नाच-गा कर या क्रिकेट के बुखार में तप रहे लोगों के साथ कदमताल करके खुद को बचाना या बरी करना चाहते हैं तो भूल जाएं . इस देश की जनता बहुत समझदार है .
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इसी विषय पर कुछ लोगों से बात हुई कि हमारा कानून ऐसा है कि अगर कोई वकील कसाब की पैरवी नही करेगा तो उसको यहां के कानून के हिसाब से बरी करना पडॆगा ? ?? मुझे नही पता कि कोई ऐसा कानून है भी या नही..
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नेताजी के दायें हाथ मेजर जनरल शाहनवाज़ व कर्नल गुरबक्ष सिंह ढिल्लन और कर्नल प्रेमकुमार सहगल पर लाल किले में देशद्रोह आदि के मामलों के मुकदमे चले जिसमें पण्डित नेहरू , भूलाभाई देसाई और कैलाशनाथ काटजू की दलीलों के चलते उन तीनों वीरों को बरी करना पडा।
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नेताजी के दायें हाथ मेजर जनरल शाहनवाज़ व कर्नल गुरबक्ष सिंह ढिल्लन और कर्नल प्रेमकुमार सहगल पर लाल किले में देशद्रोह आदि के मामलों के मुकदमे चले जिसमें पण्डित नेहरू , भूलाभाई देसाई और कैलाशनाथ काटजू की दलीलों के चलते उन तीनों वीरों को बरी करना पडा।