| 31. | सुग्रीव जब अपने अग्रज बालि से प्रताड़ित होकर प्राण-रक्षा
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| 32. | वहीं आपको बालि के दर्शन हो जायेंगे।
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| 33. | बालि के हितचिंतक विरोध् में स्वर नहीं उठा सके।
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| 34. | बालि ने इन्हें मुझे मारने के लिए भेजा है।
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| 35. | यह कहतेकहते बालि के पराण निकल गये।
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| 36. | रामचरन दृढ प्रीति करि बालि कीन्ह तनु त्याग ।
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| 37. | पुनि सुग्रीव मिताई बालि प्रान कर भंग।।
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| 38. | वहीं आपको बालि के दर्शन हो जायेंगे।
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| 39. | तभी बालि के गुरु शुक्राचार्य ने उसे चेताया- सावधान .
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| 40. | बालि और सुग्रीव के पिता ऋक्षराजा थे।
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