| 31. | कवि बटुकसिंह श्रीशिवरीनारायण-सिंदूरगिरि माहात्म्य में लिखते हैं : -
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| 32. | इस दिन गंगा स्नान करने का विशेष माहात्म्य है।
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| 33. | वे भगवन्नाम के माहात्म्य को समझ ही नहीं सकते।
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| 34. | इस तिथि को रोहिणी नक्षत्र का विशेष माहात्म्य है।
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| 35. | श्राद्ध का माहात्म्य एवं मुक्ति का दर्शन
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| 36. | पापांकुशा एकादशी ' का माहात्म्य मैंने वर्णन किया ।
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| 37. | त्रिवेणी का माहात्म्य तो पितामह से सुना ही था।
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| 38. | पुरुषोत्तम मास में पुरुषोत्तम माहात्म्य की कथा सुननी चाहिए।
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| 39. | वह पुरुषार्थ के काम पक्ष का माहात्म्य बताता है।
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| 40. | इसका नाम क्या है ? माहात्म्य क्या है?
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