| 31. | जोगी जन बिहरहिं सदा मेरु शिखर भय खोइ ।।
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| 32. | क्या है मेरु , क्या है मँदर, चेत मछँदर !
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| 33. | उदर , जिगर ,तिल्ली ,कोख , मेरु दण्ड, बुद्धि
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| 34. | उदर , जिगर ,तिल्ली ,कोख , मेरु दण्ड, बुद्धि
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| 35. | महि पर उन्नत मेरु सम , धारयो उन्नत ब्प्प ||
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| 36. | जिनि समुंदु विरोलिआ करि मेरु मधाणु ||
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| 37. | मेरु क्या कसूर छा ( बेटी की पीड़ा)
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| 38. | का बापुरो पिनाकु ? मेलि गुन मंदर मेरु नवावौं।।
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| 39. | छन्द : शास्त्र में मेरु प्रस्तार (पास्कल त्रिभुज), द्विआधारी संख्या (
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| 40. | मन च आज मेरु बोलंण लग्युं जा
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