| 31. | जनलोक से आठ करोड़ योजन ऊपर तपलोक है।
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| 32. | यहीं पर दस योजन में फ़ैला हुआ ।
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| 33. | तुम्हारा नगर यहाँ से सत्तर योजन पर है॥4॥
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| 34. | सौ योजन दूर दुश्मन के सपने मिनटों कुंद।
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| 35. | एक महायोजन बराबर होता है 1000 योजन के।
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| 36. | सुगंध भी ऐसा दिया कि योजन महक उठे।
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| 37. | हनुमान्जी तुरंत ही बत्तीस योजन के हो गए
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| 38. | वहां दस सहस्र योजन वाले लोक-आलोक पर्वत हैं।
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| 39. | प्रदेश में निजी वृक्षारोपण के लिये प्रोत्साहन योजन . ..
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| 40. | ध्रुवलोक से एक करोड़ योजन ऊपर महर्लोक है।
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