| 31. | ( अंहिसा सर्वथा सर्वदा सर्वभूतानामनभिद्रोह: - व्यासभाष्य, योगसूत्र 2।
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| 32. | मैं प्राणियों में और प्राणीमात्र मुझमें सर्वदा . .
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| 33. | प्रकाशित होता है , हालाँकि व्यक्ति सर्वदा सीखता ही
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| 34. | निर्विघ्नं कुरू में देव सर्व कार्येषु सर्वदा ।।
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| 35. | शुद्ध और निर्मल हमारा सर्वदा आचार हो |
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| 36. | सर्वदा व्यवसाय बदलने वाला कभी धनी नहीं होता
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| 37. | स्वयं स्वयंभू सदा सर्वदा , सेवक सहचर, रहकर स्वामी॥
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| 38. | ' मां' सर्वदा अभिवंदनीय, अभिनंदनीय और पूजनीय होती है।
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| 39. | सन्तोष का फल सर्वदा मधुर होता है ।
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| 40. | हम तो सदा सर्वदा ही खुस रहत हैं।
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