| 31. | बहु बिधि साज सिंगार कर , पहिन वस्त्र रंगीन
|
| 32. | पाँच मुक्तक धड़कनों का साज देती रह गई।
|
| 33. | इसमें परंपरागत साज मृदंग एवं झाल का प्रयोग
|
| 34. | साज बन के आ जाओ , रागिनि बुलाती है.
|
| 35. | अगले दिन रूपा करे , बैठी साज सिंगार |
|
| 36. | साज सुहाए ना हीं , बोल हीं भाए मोहे,
|
| 37. | का प्रस्तुतिकरण तथा साज सज्जा स्वागत योग्य है।
|
| 38. | इसमें परंपरागत साज मृदंग एवं झाल का प्रयोग . ..
|
| 39. | साज कम होने के कारण आवाज का महत्व . ..
|
| 40. | युग बीता नहीं मिला पाये हम साज अभी ,
|