| 31. | शिकस्त साज़ की आवाज़ में रू नग़्मा है
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| 32. | दिल से शिकवा साज़ से नगमें निकल पडे ,
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| 33. | गीत जो बनते हैं तो साज़ नही मिलते . ...
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| 34. | कहीं किसी साज़ से संगीत लहरी बज उठी .
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| 35. | रक़्स-ए-मय तेज़ करो , साज़ की लय तेज़ करो
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| 36. | रक़्स-ए-मय तेज़ करो , साज़ की लय तेज़ करो
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| 37. | न मंच ना परदा न साज़ न सज्जा
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| 38. | हम भी गोया किसी साज़ के तार हैं ,
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| 39. | करते थे बोहत साज़ और आवाज़ की बातें
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| 40. | ग़ज़ल का साज़ उठाओ बड़ी उदास है रात
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