| 31. | मेरी जिज्ञासु आंखें सुधा की ओर घूम गईं।
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| 32. | जलतरंग सी जहाँ बजेगी , मधुर सुधा बरसाए प्रीत !
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| 33. | इधर वह सुधा के साथ हरिद्वार आ गया।
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| 34. | सुशीतलकारी शशि आया सुधा की मनो बडी-सी बूँद।
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| 35. | पारुल “पुखराज” ज्योति चावला सुधा अरोड़ा और तबस्सुम . ..
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| 36. | नदियाँ जहाँ सुधा की धारा बहा रही हैं।
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| 37. | सुधा और रागिनी दोनों ही समझदार युवतियाँ थीं।
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| 38. | प्रेम सुधा रस प्राण-दायिनी जान हमारी “माई” है
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| 39. | सुधा ने बात को नया मोड़ देना चाहा।
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| 40. | ↑ सुधा ( मासिक पत्रिका) . लखनऊ. मई 1933.
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