| 31. | २३८ . हत वृत्रं सुदानव इन्द्रेण सहसा युजा।
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| 32. | सत्य ' अश्वत्थामा हत: नरो वा कुंजरो वा' पुराण प्रसिद्ध है।
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| 33. | मै हत प्रभ रह गया .
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| 34. | जमर वितोर हत दिए नवि ते हथेर अनगुल दे ।
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| 35. | इससे हमारे हत हृदय को , हो रहा जो शूल है,
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| 36. | बना अर्जुन तो स्वजन हत पाऊंगा ?
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| 37. | क्या इसलिए कि कोई राजनेता हत या आहत नहीं हुआ ?
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| 38. | इतना म्लान और हत कभी नहीं देखा था उन्हें .
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| 39. | शीष झुकाए . तेज हत .
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| 40. | AMदुखद शब्द बन , व्यक्त रक्त वह,मर्म अस्त हत, विपद प्राण
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