| 31. | हे गोपियों , हरि का संदेस सुनो ।
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| 32. | हे गोपियों , हरि का संदेस सुनो ।
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| 33. | सुमरन मेरा हरि करे , मैं पाऊँ विश्राम॥
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| 34. | श्री विष्णुका एक नाम है , हरि ।
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| 35. | श्री विष्णुका एक नाम है , हरि ।
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| 36. | कबीर हरि हीरा जन जौहरी , ले कै मांडै हाट॥
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| 37. | जो रक्षक जननी-जठर , सो हरि गये कि सोय।।
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| 38. | जिम हरि शरण न एक हू बाधा ।
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| 39. | हरि को चिन्त्यो हरि करे , मैं रहूँ निश्चिन्त।।
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| 40. | हरि को चिन्त्यो हरि करे , मैं रहूँ निश्चिन्त।।
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