| 41. | पैगम्बर के प्रभु परम , अगम अगोचर राम..
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| 42. | पैगम्बर के प्रभु परम , अगम अगोचर राम..
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| 43. | ‘चेत मछिन्दर गोरख आया , अगम निगम हिय हेला जी
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| 44. | ‘चेत मछिन्दर गोरख आया , अगम निगम हिय हेला जी
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| 45. | सूरत शब्द शब्द में सूरत अगम अगोचर धामी ।
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| 46. | अगम पुरुष आदि का वर्णन है ।
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| 47. | अगम और अकह लोकों में पहुंचा देता है ।
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| 48. | सखि अगहन अगम अंदेसू , मैं तो लिख-लिख भेजौं संदेसू,
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| 49. | गरीबदास घर अगम की , कैसैं पाऊं थाह।।487।।
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| 50. | वै स्वामी गति अगम अपाना , तुलसी बन्दै बारम्बारा।
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