| 41. | लघुकथाएँ - संचयन - अभिमन्यु अनत
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| 42. | मेरो मन अनत कहां सुख पावै ,
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| 43. | मेरो मन अनत कहां सचु पावै।
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| 44. | मेरो मन अनत कहाँ सुख पावै।
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| 45. | में अभिमन्यु अनत शबनम की रचनाएँ
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| 46. | अन्त काल तुम्हरैं सुमिरन गति , अनत कहूँ नहिं दाउँ॥
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| 47. | अन्त काल तुम्हरैं सुमिरन गति , अनत कहूँ नहिं दाउँ॥
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| 48. | अभिमन्यु अनत अपने देश की नैसर्गिक
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| 49. | मुकताहल मुकता चुगैं , अब उड़ि अनत न जाहिं ।।
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| 50. | मेरो मन अनत कहाँ सुख पावै।
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