| 41. | अभिज्ञान शाकुन्तलम् कालिदास का विख्यात नाटक है।
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| 42. | अभिज्ञान शाकुंतलम् ( १,१९) में कालिदास कहते हैं:
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| 43. | इसी बात पर चर्चा कर रहे हैं अभिज्ञान प्रकाश . ..
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| 44. | अभिज्ञान प्रकाश मिल गए बाहर टहलते हुए .
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| 45. | अभिज्ञान के प्रकाश से अज्ञान का तू कर दमन
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| 46. | यूँ हमें मिलने का शुक्रिया अभिज्ञान !
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| 47. | नाटक- अभिज्ञान शाकुन्तलम् , विक्रमोर्वशीयम् और मालविक
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| 48. | 1800 ई . में कालीदास की ' अभिज्ञान
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| 49. | 1800 ई . में कालीदास की ' अभिज्ञान
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| 50. | नाटक : अभिज्ञान शाकुन्तलम्, विक्रमोवशीर्यम् और मालविकाग्निमित्रम्।
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