सहृदय के अंत : करण में जो मनोविकार वासना या संस्कार रूप में सदा विद्यमान रहते हैं तथा जिन्हें कोई भी विरोधी या अविरोधी दबा नहीं सकता , उन्हें स्थायी भाव कहते हैं।
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249 स्थायी भाव का अर्थ है - जिस भाव को विरोधी या अविरोधी भाव आने में न तो छिपा सकते है और न दबा सकते है और जो रस में बराबर स्थित रहता है।
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बाद में वे विश्वगुरु हो गए , किसी विरुद से नहीं , विश्व की अठारह विदेशी भाषाएं विश्वभारती के आंगन में आज मुखरित हैं , अविरोधी और अकुंठ भाव से , परिवर्धित और पल्लवित होती हुई।
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बाद में वे विश्वगुरु हो गए , किसी विरुद से नहीं , विश्व की अठारह विदेशी भाषाएं विश्वभारती के आंगन में आज मुखरित हैं , अविरोधी और अकुंठ भाव से , परिवर्धित और पल्लवित होती हुई।
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भाषा , रंग-रूप , आचार-व्यवहार , खान-पान , वेश-भूषा और जलवायु आदि के वैविध्य के कारण इसे ऐसे बहुसांस्कृतिक क्षेत्र के रूप में भी देखा जाता है जिसमें अनेक संस्कृतियाँ अविरोधी भाव से समाई हुई हैं।
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स्मरणीय है कि अलग अलग देशकाल और जाति समूहों से संबंधित होते हुए भी अपनी मूल संवेदना में ये सारे साहित्य परस्पर अविरोधी होते हैं क्योंकि ये संबंधित जातियों के , मनुष्यों के सांस्कृतिक प्रयत्न है .
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परन्तु यांत्रिक विचारकों के अनुसार- ' कर्मणां युगपद्भावस्तन्त्रम ' - 1 / 7 / 1 इस कात्यायन महर्षि की परिभाषानुसार एक कार्य में ही विभिन्न शाखाओं में प्रतिपादित अनेकताओं का अविरोधी संकलन करना ' तन्त्र ' शब्द का अर्थ है ।
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भगवान के अनिवर्चनीय स्वरूप को भक्त ने जैसा कुछ देखा है वह वाणी के प्रकाशन क्षेत्र के बाहर हैं , इसीलिए वाणी नाना प्रकार से परस्पर विरोधी और अविरोधी शब्दों के द्वारा उस परम प्रेममय का रूप निर्देश करने की चेष्टा करती है।
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सो पंडित-द्वय अर्थात प . हजारी प्रसाद द्विवेदी और प.विद्या निवास मिश्र का सहारा लेकर अविरोधी धर्म, पुरुषार्थ चतुष्टय, आश्रम व्यवस्था, तीन ऋण तथा तीन द [दमन-दान-दया] की व्याख्या कर दी और मुक्तिबोध का सहारा लेकर '' जो भी है उससे बेहतर चाहिए” का नारा बुलंद कर डाला.
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वह जो एक की अंतरात्मा का सत्य है और दूसरी का विरोधी , या कोई ऐसा धरातल भी हो सकता है जहाँ अंतरात्माओं का पारस्परिक विरोध थम जाए ? यदि सच में ऐसा कोई धरातल है तो वही करणीय है , धर्म है , क्योंकि सच्चा धर्म अविरोधी होता है।