( ११) अप्राकृतिक आर्तव क्षय - निश्चित वय या काल से बहुत पूर्व तथा आर्तव विकार के साथ आर्तव क्षय को कहते हैं।
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( ११) अप्राकृतिक आर्तव क्षय - निश्चित वय या काल से बहुत पूर्व तथा आर्तव विकार के साथ आर्तव क्षय को कहते हैं।
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( ११) अप्राकृतिक आर्तव क्षय - निश्चित वय या काल से बहुत पूर्व तथा आर्तव विकार के साथ आर्तव क्षय को कहते हैं।
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यह वायु पक् वाशय में रहती है तथा इसका कार्य मल , मूत्र , शुक्र , गर्भ और आर्तव को बाहर निकालना है।
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यह अक्सर अर्द्धचंद्राकार रूप में होती है जिसके बीच में एक छिद्र होता है जिससे होकर हर महीने मासिकस्राव या आर्तव बाहर निकलता है।
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नारी की इच्छाएँ , अनिच्छाएँ , उसकी आर्तव संबंधी समस्याएँ तथा उनका उसके काम-जीवन से संबंध और ऐसे अनेक विषय पुरुष-दृष्टि से छिपे ही रहे।
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आर्तव चक्र रक्तस्राव के पहले दिन शुरू होता है , जिसे दिवस 1 माना जाता है.यह चक्र अगले आर्तव चक्र के शुरू होने के ठीक पहले समाप्त होता है.
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आर्तव चक्र रक्तस्राव के पहले दिन शुरू होता है , जिसे दिवस 1 माना जाता है.यह चक्र अगले आर्तव चक्र के शुरू होने के ठीक पहले समाप्त होता है.
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( 3) संक्षिप्त ऋतुविज्ञान (सिनॉष्टिक मीटिअरॉलोजी) जो मुख्यत: ऋतु के पूर्वानुमान के लिए संक्षिप्त आर्तव (ऋतु संबंधी) मानचित्रों द्वारा संक्षिप्त आर्तव प्रेक्षणों के अध्ययन से संबंध रखता है।
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( 3) संक्षिप्त ऋतुविज्ञान (सिनॉष्टिक मीटिअरॉलोजी) जो मुख्यत: ऋतु के पूर्वानुमान के लिए संक्षिप्त आर्तव (ऋतु संबंधी) मानचित्रों द्वारा संक्षिप्त आर्तव प्रेक्षणों के अध्ययन से संबंध रखता है।