किन्तु आश्चर्यपूर्ण दुर्भाग्य ये है कि सरकार इसरो समेत देश की शीर्ष मौसम विज्ञान संस्थाओं की ओर से बार बार जारी की गयी चेतावनियों के बाद भी सोती रही , या यूं कहें कि हजारों लोगों की मौत का इंतजार करती रही।
42.
' ' मुरादेवी आश्चर्यपूर्ण व्याकुलता से बोलीं , “ यह तो मगधराज ने पूर्णतया अनुचित और परंपरा-मर्यादा के सर्वथा विपरीत कार्य किया है बलभद्र ! ” ‘‘ महारानी ! मगधराज ने उचित-अनुचित और परंपरा मर्यादा का तो बहुत पहले ही परित्याग कर दिया था।
43.
10 कैलीफोर्निया स्टेट कॉलेज के डॉ स्टीफेन ने 300 बाल अपराधियों के आहार का विश्लेषण किया और निष्कर्ष निकाला कि सभी बाल अपराधी अत्यधिक मीठा विशेषकर सफेद चीनी को सेवन करते थें उन्हें कुछ महीने चीनी रहित आहार देने पर आश्चर्यपूर्ण परिणाम देखने को मिले।
44.
जैसा कि हमने पहले कहा- परम्परा के बहुत गहरे और अक्षुण्ण असर के कारण राज्य में ‘नएपन‘ को ग्रहण करने का आवेग या परंपरा को पूरी तरह अस्वीकृत करने का ‘साहस‘ अपेक्षाकृत देर से जागा , तो वह सकारण था, और इसमें ज्यादा कुछ भी आश्चर्यपूर्ण नहीं।
45.
जैसा कि हमने पहले कहा- परम्परा के बहुत गहरे और अक्षुण्ण असर के कारण राज्य में ‘नएपन‘ को ग्रहण करने का आवेग या परंपरा को पूरी तरह अस्वीकृत करने का ‘साहस‘ अपेक्षाकृत देर से जागा , तो वह सकारण था, और इसमें ज्यादा कुछ भी आश्चर्यपूर्ण नहीं।
46.
शैख मुहम्मद अबू ज़ोहरा रहिमहुल्लाह ने उन दोनों के बीच तुलना करते हुए आश्चर्यपूर्ण समानता , बल्कि अनुरूपता प्रदर्शित किया है , और तुलना के अंत में यह कहते हुए टिप्पड़ी की है कि : “ ईसाइयों को चाहिए कि अपने धर्म के मूल स्रोत का पता लगायें। ”
47.
उत्तरांचलप्रदेश के राज्य में गरजती हुई पर्वतीय नदियों का गहन जाल रोमांचक पर्वत के संकुचित मार्गों , जंगलों और दूरस्थ गाँवों, गढ़वाल और कुमाऊँ की पहाड़ियों के आश्चर्यपूर्ण प्राकृतिक दृश्यों के बीच से होकर बहता है जो कुछ नाटकीय जल के साहसिक कार्यों के लिए आदर्श योजना उपलब्ध करवाता है।
48.
सन् 1978 के मध्य में सुप्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी के पिता और भारतीय दर्शन के सुपरिचित अध्येता श्री वी . आर. चक्रवर्त्ती का जिस आकस्मिक और आश्चर्यपूर्ण तौर-तरीके से अवसान हुआ था उसकी तुलना भारतीय फ़िल्मों की किसी भी रहस्य और रोमांचपूर्ण पटकथा के साथ आसानी से की जा सकती है.
49.
1 - श्री रामकृष्ण ने पहली बार नरेन्द्र से मिलकर प्रश्न पूछा था कि क्या सोने से पहले प्रकाश को देखते हो ? तो लडके ने आश्चर्यपूर्ण आवाज में कहा , हॉ देखता हू , क्या इसे हर कोई नहीं देख सकता क्या ? श्री रामकृष्ण को इसी उत्तर में इस बालक में विलक्षण युवा दिखाई दिया।
50.
भावार्थ : इस विश्वरूप में अनेकों मुँह , अनेकों आँखे , अनेकों आश्चर्यजनक दिव्य-आभूषणों से युक्त , अनेकों दिव्य-शस्त्रों को उठाये हुए , दिव्य-मालाऎँ , वस्त्र को धारण किये हुए , दिव्य गन्ध का अनुलेपन किये हुए , सभी प्रकार के आश्चर्यपूर्ण प्रकाश से युक्त , असीम और सभी दिशाओं में मुख किए हुए सर्वव्यापी परमेश्वर को अर्जुन ने देखा।