| 41. | फूल और काँटा - अयोध्या सिंह उपाध्याय ' हरिऔध'
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| 42. | खुद भी सूख कर काँटा हो गए थे।
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| 43. | जैसे चुभ जाता कोई काँटा नंगे पाँव में ,
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| 44. | तुम बूढ़े आदमी सुखकर काँटा हो रहे हो।
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| 45. | होता था , अब सूख कर काँटा हो गया।
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| 46. | जो तोको काँटा बुवे ताहि बोइ तू फूल
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| 47. | खुशबू ने मेरे पाँव में काँटा चुभो दिया
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| 48. | सूखकर काँटा तो हो गया है . .. ''
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| 49. | कोई काँटा चुभा नहीं होता / बशीर बद्र
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| 50. | किसी के पाँव से काँटा निकाल कर देखो।
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