| 41. | क्यों शब्द कृपण दिखता है रे ! कन्हैयाँ ?
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| 42. | आस्तिक कृपण हो जाए , बिलकुल समझ में नहीं आता।
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| 43. | की प्रीत या कृपण की आसक्ति
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| 44. | कृपण वृत्ति का था जबकि शांति
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| 45. | कृपण के धन का क्या उपयोग।।३।।
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| 46. | आश्रित हें सारे ब्रह्म पर , चाहे कृपण आधीन हो॥
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| 47. | आस्तिक कृपण हो जाए , बिलकुल समझ में नहीं आता।
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| 48. | आज के कृपण मन को यह जानकारी चौंका सकता है।
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| 49. | स्वभाव के कृपण तो हैं ही।
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| 50. | में स्वार्थी है , कृपण है, संकीर्ण हृदय है, आचार-भ्रष्ट है।
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