| 41. | तथा कृमि और चिकनाई को दूर करती है ।
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| 42. | छत्राक कृमि की उत्पत्ति विलक्षण रीति से होती है।
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| 43. | इससे पेट के कृमि में फायदा होता है ।
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| 44. | यह कृमि को नष्ट करने में सहायता देती है।
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| 45. | आंत्रशोथ तथा कृमि रोगों में भी गिलोय लाभकारी है।
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| 46. | को ' गिनिया कृमि रोग' भी कहते हैं।
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| 47. | रेशम क कृमि शलभ , बांबिक्स मोराइ (
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| 48. | नामक कृमि 22 . 9 मीटर तक लंबा हो सकता है।
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| 49. | पेट में कृमि व पेट की तकलीफ
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| 50. | पेट के कीड़े , कृमि जन्य शूल।
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