जब क्लोरोफिल का अणु एक क्वान्टम प्रकाश शोषित कर लेता है उसके पश्चात् क्लोरोफिल का दूसरा अणु तब तक प्रकाश शोषित नहीं करता है जब तक कि पहली ऊर्जा प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में प्रयोग नहीं हो जाती है।
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उसको लेकर बैठे रहोगे तो कुछ नहीं होना ! ब्रह्मा ने ये यूनिवर्स बनाया - क्वान्टम स्टेट्स से लेकर ग्रेविटेशन तक ! ( एक मिनट के लिए मान लो , इफ ही एक्सिस्ट्स ) ... अनं त. . खूबसूरत ! जीवन।
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उन्होंने लिखा कि काडवैल की दिलचस्पी ज्ञान के हर क्षेत्र में थी , उड्डयनविज्ञान से ले कर कविता , जासूसी कहानियां , क्वान्टम मिकैनिक्स , दर्शनशास्त्र , प्रेम , मनोविश्लेषणशास्त्र तक हर ऐसे क्षेत्र में जिसमें उस युवा को कुछ कहना है ।
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उन्होंने लिखा कि काडवैल की दिलचस्पी ज्ञान के हर क्षेत्र में थी , उड्डयनविज्ञान से ले कर कविता , जासूसी कहानियां , क्वान्टम मिकैनिक्स , दर्शनशास्त्र , प्रेम , मनोविश्लेषणशास्त्र तक हर ऐसे क्षेत्र में जिसमें उस युवा को कुछ कहना है ।
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यह समय था 1920 का जब क्वान्टम मेकेनिक्स में यह गुत्थी की तरह थी , क्वान्टम मेकेनिक्स के विकास हो तो रहा था लेकिन गति बेहद धीमी थी क्योंकि कहीं न कहीं प्लांक्स के नियम को अगले चरण तक ले जाना था ।
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यह समय था 1920 का जब क्वान्टम मेकेनिक्स में यह गुत्थी की तरह थी , क्वान्टम मेकेनिक्स के विकास हो तो रहा था लेकिन गति बेहद धीमी थी क्योंकि कहीं न कहीं प्लांक्स के नियम को अगले चरण तक ले जाना था ।
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यह समय था 1920 का जब क्वान्टम मेकेनिक्स में यह गुत्थी की तरह थी , क्वान्टम मेकेनिक्स के विकास हो तो रहा था लेकिन गति बेहद धीमी थी क्योंकि कहीं न कहीं प्लांक्स के नियम को अगले चरण तक ले जाना था ।
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अणुओं के भीतर के शून्य में क्वार्क जैसे क्वान्टम कण होते हैं , इस क्वान्टम शून्य में प्रतिगुरुत्वाकर्षण शक्ति होती है जो अत्यन्त अल्प तो होती है, किन्तु उसका गुणा समस्त ब्रह्माण्ड में पाए जाने वाले क्वान्टम शून्यों से करेंगे तब हमें अच्छी मात्रा में अदृश्य ऊर्जा का स्रोत समझ में आ सकेगा।
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अणुओं के भीतर के शून्य में क्वार्क जैसे क्वान्टम कण होते हैं , इस क्वान्टम शून्य में प्रतिगुरुत्वाकर्षण शक्ति होती है जो अत्यन्त अल्प तो होती है, किन्तु उसका गुणा समस्त ब्रह्माण्ड में पाए जाने वाले क्वान्टम शून्यों से करेंगे तब हमें अच्छी मात्रा में अदृश्य ऊर्जा का स्रोत समझ में आ सकेगा।
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अणुओं के भीतर के शून्य में क्वार्क जैसे क्वान्टम कण होते हैं , इस क्वान्टम शून्य में प्रतिगुरुत्वाकर्षण शक्ति होती है जो अत्यन्त अल्प तो होती है, किन्तु उसका गुणा समस्त ब्रह्माण्ड में पाए जाने वाले क्वान्टम शून्यों से करेंगे तब हमें अच्छी मात्रा में अदृश्य ऊर्जा का स्रोत समझ में आ सकेगा।