| 41. | मुन्नी बीच में घुसकर गाय के पास बैठ गई और ललकार बोली-अब जिसे गंडासा चलाना हो चलाए , बैठी हूं।
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| 42. | ' ' अगर हिस्सेदारी निभानी नहीं आती तो डालते क्यों हो ... ? ' इस बार भईया कोठी से गंडासा उठा लाया।
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| 43. | एक मन करता था कि लौट पडूं , घर से गंडासा उठाऊं और तुम्हारे ' उन मुसलमानों ' पर टूट पडूं।
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| 44. | चाचा की लाठी लहराई है , पापा का फावडा़ घुमा है , भईया ने चाचा के सर पर गंडासा दे मारा है।
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| 45. | मोहनदास पुन : गंडासा उठा लाए और कार्य में लग गए , लेकिन पुन : किसी ने गंडासा छीनकर दूर फेंक दिया।
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| 46. | मोहनदास पुन : गंडासा उठा लाए और कार्य में लग गए , लेकिन पुन : किसी ने गंडासा छीनकर दूर फेंक दिया।
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| 47. | मोहनदास पुन : गंडासा उठा लाए और कार्य में लग गए , लेकिन पुन : किसी ने गंडासा छीनकर दूर फेंक दिया।
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| 48. | क्या वे अपनी इच्छा रखते हैं जन्नत जाने में ? यदि नहीं , तो आप उनके पीछे क्यों पड़े हैं गंडासा लिये .
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| 49. | एक दिन मामा-भांजे खेत में कृषि कार्य कर रहे थे , तभी मोहनदास के हाथ से किसी ने गंडासा छीनकर दूर फेंक दिया।
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| 50. | गाय के पास बैठ गई और बोली-अब चलाओ गंडासा , पहला गंडासा मेरी गर्दन पर होगा फिर किसकी हिम्मत थी कि गंडासा चलाता।
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