हथेली को अपने हाथ में ले वह एक बार ऐसे देखता जैसे पुराने जमाने का घड़ीसाज हो , गदेली पर अँगूठे फिराता जैसे कोई अन्धा टटोल कर पढ़ रहा हो और फिर शुरू हो जाता , बिना हथेली की ओर देखे कोन घुमाता रहता।
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एक सामन्य , लेकिन हुनरमंद घड़ीसाज के लम्पट और उच्चके बेटे का होनहार बेटा जब अंतरिक्ष की घड़ियों को दुरस्त कर लेने की दक्षता हांसिल कर पा रहा है तो इससे एक हद तक जनतांत्रिक होती जा रही दुनिया का पक्ष भी प्रस्तुत होता है।
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गणेश दत्त शर्मा के पोते ओमदत्त , जो अब मुख्य गुरुद्वारे के पीछे की लाईन में घड़ीसाज का काम करते हैं , बताते हैं कि उनके दादा जी की ज्योतिष विद्या से प्रभावित तत्कालीन अंग्रेज कमिश्नर ने उनसे मनचाही जमीन ले लेने को कहा , मगर संतोषी ब्राह्मण ने इंकार कर दिया।
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2 मुझे नहीं पता कि कैसे तुम्हारी गैरहाजिरी जोडूँ अपनी ज़िंदगी में . नहीं मालूम कि कैसे इसमें से घटा दूं खुद को.नहीं मालूम कि कैसे भाग दूं इसे प्रयोगशाला की शीशियों के बीच.3 वक़्त ठहर गया बारह बजे और इसने चकरा दिया घड़ीसाज को.कोई गड़बड़ी नहीं थी घड़ी में.बस बात इतनी सी थी कि सूइयां भूल गईं दुनिया को, हमआगोश होकर. :: :: ::
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- ” कहाँ पढ़ी इतनी लम्बी कहानी , किस किताब में ? ” एक दिन पूछ ली मैंने भोपूं मियाँ से मन के कोने में बैठी बात ‘ द काउंट ऑफ़ मांटे क्रिस्टो- यही नाम बताया था उन्होंने फिर उस बुजुर्ग घड़ीसाज की जिंदगी एक बंद सुरंग की तरह खुलने लगी कुछ हिचकिचाहट के बाद हट गए काठ किवाड़ों पर जंग लगे सांकल अँधेरे को टटोलता मै निचे उतरता गया सुरंग में