ओपारिन ने सुझाया कि ज्यों ही कार्बन-आधारित जैव द्रव्य बन गये , जिनमें कार्बन के परमाणु विविध प्रकार से नाइट्रोजन , आक्सीजन , हाइड्रोजन , फ़ास्फ़ोरस और गंधक के परमाणुओं से जुड़े होते हैं , जैव पदार्थ की उत्पत्ति के लिए आधार तैयार हो गया।
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ओपारिन ने सुझाया कि ज्यों ही कार्बन-आधारित जैव द्रव्य बन गये , जिनमें कार्बन के परमाणु विविध प्रकार से नाइट्रोजन , आक्सीजन , हाइड्रोजन , फ़ास्फ़ोरस और गंधक के परमाणुओं से जुड़े होते हैं , जैव पदार्थ की उत्पत्ति के लिए आधार तैयार हो गया।
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कार्यप्रणाली : ढीली मिट्टी और जैव पदार्थ को हटाने के लिए 15 से 20 सें.मी. तक जमीन खोदी गई। इस पर जी.आई. नैट (जस्ते चढे लोहे के तार से बने जाल) को इस प्रकार फैलाया गया ताकि पोली बैगों का समस्त ढांचा इसमें लपेटा जा सके।
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तीसरी प्रक्रिया है अवायुजीवीजीवाणुओं द्वारा हवा की अनुपस्थिति में जैव पदार्थ का विघटन जिसमेंज्यादा उपयोगी खाद के साथ जलाने , पकाने, चलाने आदि के लिए उपयोगी गैसउपलब्ध होती है इस तरह उपलब्ध प्रक्रिया से प्राप्त होने वाली गैस कार्बनडाय-आक्साइड, मीथेन, नाइड्रोजन, हाइड्रोजन सल्फाइडआदि का मिश्रण रहता है जिनमें सबसे महत्त्वपूर्ण गैस है मीथेन जो उपयोगमें आती है.
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तीसरी प्रक्रिया है अवायुजीवी जीवाणुओं द्वारा हवा कीअनुपस्थिति में जैव पदार्थ का विघटन जिसमें ज्यादा उपयोगी खाद के साथजलाने , पकाने, इंजन चलाने आदि के लिए उपयोगी गैस उपलब्ध होती है इस तरहउपलब्ध प्रक्रिया से प्राप्त होने वाली गैस कार्बन डाय-आक्साईड, मीथेन, नाइट्रोजन, हाइड्रोजन सल्फाइड आदि का मिश्रण रहता है जिनमें सबसे महत्त्वपूर्ण गैस है मीथेन जो उपयोग में आती है.